विकास की राजनीति विनय सहस्त्रबुद्धे, translated by स्वामी अमराठे जाधव
By: सहस्त्रबुद्धे, विनय.
Contributor(s): जाधव, स्वामी अमराठे [Translator].
Publisher: नई दिल्ली, प्रभात प्रकाशन: 2023Description: 160p. 21cm.ISBN: 9789353224226.Other title: Vikash ki Rajniti.Subject(s): Political strategy -- Political -- Political science -- India | Economic development -- Economics -- Political Science -- Sectoral development -- Statics and dynamics (Social sciences) -- India | Economic development -- अर्थशास्त्र -- राजनीतिक रणनीति -- क्षेत्रीय विकास -- सांख्यिकी और गतिशीलता (सामाजिक विज्ञान) -- भारतDDC classification: 320.654 Summary: भारतीय जनता पार्टी देश की एक और राजनीतिक पार्टी भर नहीं है। अपने निर्माण व विकास के वर्षों में भाजपा खुद को पार्टी विद डिफरेंस (भिन्न किस्म का दल) के रूप में वर्णित कर गर्व महसूस करती रही है। एक के बाद एक आई दोनों वाजपेयी सरकारों ने यह प्रभावी तरीके से स्थापित कर दिया कि गठबंधन सरकारें टिकाऊ साबित हो सकती हैं, गैर-कांग्रेस सरकारें सफलतापूर्वक चल सकती हैं और इससे भी महत्त्वपूर्ण यह कि ऐसी सरकारें शासन में महत्त्वपूर्ण ढंग से योगदान दे सकती हैं, गवर्नेन्स का मूल्यवर्धन कर सकती हैं। किसी प्रकार के प्रच्छन्न या गोपनीय गैर-इरादों से मुक्त होने के कारण अपने राष्ट्रीय एजेंडे में भाजपा विकास का केंद्रीय महत्त्व सुनिश्चित कर सकी, जिसके मूल में मजबूत अर्थव्यवस्था थी। केंद्र और विभिन्न प्रदेशों में भाजपा सरकारों का प्रदर्शन साफ तौर पर अन्य राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दलों से निर्विवाद कहीं अधिक बेहतर रहा है। यह पुस्तक उस मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) का निचोड़ है, जो भाजपा ने भारतीय लोकतांत्रिक राजनीति में अपूर्व योगदान द्वारा किया है। भाजपा ने परिश्रमपूर्वक और पूरी दक्षता से भारतीयों के जीवन में गुणात्मक रूपांतरण करने का काम किया है। भारतीय राजनीतिक विमर्श में ‘विकास की राजनीति’ यह शब्दावली केवल स्थापित करने का ही नहीं, बल्कि उसे पूरी प्रामाणिकता से जमीन पर उतारने का श्रेय भी भाजपा को जाता है। प्रामाणिक इरादे, सोच-समझकर बनाई नीतियाँ और कार्यान्वयन के प्रभावी तौर-तरीके इन तीन मुद्दों के आधार पर इस ‘विकास की राजनीति’ को अपनाया गया है।Item type | Current location | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NASSDOC Library | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 320.654 SAH-V (Browse shelf) | Available | 54042 |
भारतीय जनता पार्टी देश की एक और राजनीतिक पार्टी भर नहीं है। अपने निर्माण व विकास के वर्षों में भाजपा खुद को पार्टी विद डिफरेंस (भिन्न किस्म का दल) के रूप में वर्णित कर गर्व महसूस करती रही है। एक के बाद एक आई दोनों वाजपेयी सरकारों ने यह प्रभावी तरीके से स्थापित कर दिया कि गठबंधन सरकारें टिकाऊ साबित हो सकती हैं, गैर-कांग्रेस सरकारें सफलतापूर्वक चल सकती हैं और इससे भी महत्त्वपूर्ण यह कि ऐसी सरकारें शासन में महत्त्वपूर्ण ढंग से योगदान दे सकती हैं, गवर्नेन्स का मूल्यवर्धन कर सकती हैं। किसी प्रकार के प्रच्छन्न या गोपनीय गैर-इरादों से मुक्त होने के कारण अपने राष्ट्रीय एजेंडे में भाजपा विकास का केंद्रीय महत्त्व सुनिश्चित कर सकी, जिसके मूल में मजबूत अर्थव्यवस्था थी। केंद्र और विभिन्न प्रदेशों में भाजपा सरकारों का प्रदर्शन साफ तौर पर अन्य राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दलों से निर्विवाद कहीं अधिक बेहतर रहा है। यह पुस्तक उस मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) का निचोड़ है, जो भाजपा ने भारतीय लोकतांत्रिक राजनीति में अपूर्व योगदान द्वारा किया है। भाजपा ने परिश्रमपूर्वक और पूरी दक्षता से भारतीयों के जीवन में गुणात्मक रूपांतरण करने का काम किया है। भारतीय राजनीतिक विमर्श में ‘विकास की राजनीति’ यह शब्दावली केवल स्थापित करने का ही नहीं, बल्कि उसे पूरी प्रामाणिकता से जमीन पर उतारने का श्रेय भी भाजपा को जाता है। प्रामाणिक इरादे, सोच-समझकर बनाई नीतियाँ और कार्यान्वयन के प्रभावी तौर-तरीके इन तीन मुद्दों के आधार पर इस ‘विकास की राजनीति’ को अपनाया गया है।
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