सिंधु सभ्यता / इरफान हबीब
By: हबीब, इरफान Habib, Irfan इरफान इरफान [लेखक., author.].
Series: भारत का लोक इतिहास - 2. Publisher: दिल्ली : राजकमल प्रकाशन, 2022Description: 140p.ISBN: 9788126728053.Other title: Sindhu Sabhyata.Subject(s): इतिहास -- सिंधु सभ्यता- 324 ईसा पूर्व तक -- पुरातत्व -- हड़प्पा -- भारत -- मोहनजोदड़ो स्थल -- पाकिस्तानDDC classification: 934.01 Summary: 'भारत का लोक इतिहास' श्रृंखला की यह दूसरी पुस्तक सिन्धु सभ्यता के बारे में है। इसे इस श्रृंखला की पहली पुस्तक 'प्रागैतिहास' की अगली कड़ी के रूप में भी पढ़ा जा सकता है । सिन्धु सभ्यता के और विस्तृत विवरण के अलावा इसमें अन्य समकालीन और उसके बाद की संस्कृतियों का सर्वेक्षण भी किया गया है। साथ ही भारत के मुख्य भाषा परिवारों के उद्भव पर विमर्श भी इसमें शामिल है। सिन्धु घाटी और सीमावर्ती क्षेत्रों में आरम्भिक कांस्य युग और उसके सांस्कृतिक पहलू तथा सिन्धु सभ्यता की व्यापकता, जनसंख्या, कृषि, हस्तशिल्प, व्यापार, क़स्बों और शहरों की बनावट के साथ इसमें जनता, समाज और राज्यसत्ता आदि का भी प्रमाण-आधारित विश्लेषण किया गया है। तालिकाओं, चित्रों और विस्तृत सन्दर्भ ग्रन्थ सूचियों के साथ यह पुस्तक श्रृंखला की अन्य पुस्तकों की ही तरह संग्रहणीय और पठनीय सिद्ध होगी।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NASSDOC Library | 934.01 HAB-S (Browse shelf) | Available | 53441 |
Includes bibliographical references and index.
'भारत का लोक इतिहास' श्रृंखला की यह दूसरी पुस्तक सिन्धु सभ्यता के बारे में है। इसे इस श्रृंखला की पहली पुस्तक 'प्रागैतिहास' की अगली कड़ी के रूप में भी पढ़ा जा सकता है । सिन्धु सभ्यता के और विस्तृत विवरण के अलावा इसमें अन्य समकालीन और उसके बाद की संस्कृतियों का सर्वेक्षण भी किया गया है। साथ ही भारत के मुख्य भाषा परिवारों के उद्भव पर विमर्श भी इसमें शामिल है। सिन्धु घाटी और सीमावर्ती क्षेत्रों में आरम्भिक कांस्य युग और उसके सांस्कृतिक पहलू तथा सिन्धु सभ्यता की व्यापकता, जनसंख्या, कृषि, हस्तशिल्प, व्यापार, क़स्बों और शहरों की बनावट के साथ इसमें जनता, समाज और राज्यसत्ता आदि का भी प्रमाण-आधारित विश्लेषण किया गया है। तालिकाओं, चित्रों और विस्तृत सन्दर्भ ग्रन्थ सूचियों के साथ यह पुस्तक श्रृंखला की अन्य पुस्तकों की ही तरह संग्रहणीय और पठनीय सिद्ध होगी।
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