समकालीन लोक संसक्ति और कबीर की कविता (धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक चेतना के विशेष संदर्भ में) / नित्यानंद सिंह
By: सिंह, नित्यानंद.
Publisher: New Delhi : ICSSR, 2016Description: 192p.Subject(s): समकालीन लोक संस्कृति का विकास -- कबीर और उनकी कविताओं का इतिहास | कबीर की कविताओं में धार्मिक चेतना -- कबीर की कविताओं में सामाजिक संदेश | कबीर की कविताओं में संस्कृतिक चेतना -- समकालीन भारतीय समाज में कबीर की प्रभावशीलता | कबीर और धर्मनिरपेक्षता की भावना -- कबीर की कविताओं से स्वतंत्रता आंदोलन की चेतनाDDC classification: RS.0946 Summary: प्रस्तुत शोध के अनुसार, समकालीन लोक संस्कृति का विकास और कबीर की कविताओं का महत्व धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना के संदर्भ में होता है। कबीर के समय से लेकर आज तक, उनकी कविताएं भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। कबीर की कविताओं में धार्मिक चेतना एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने धर्म के अंतर्गत भेदभाव को खत्म करने की चेतना को बढ़ावा दिया और उन्होंने लोगों को ईश्वर के प्रति समझौते करने के लिए प्रेरित किया। कबीर की कविताओं में सामाजिक संदेश भी होता है। उन्होंने सामाजिक असमानता, वर्णव्यवस्था, जातिवाद और स्त्री विरोधीता जैसे मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने लोगों को संघर्ष करने और अपना अधिकार हासिल करने के लिए प्रेरित किया। कबीर की कविताओं में संस्कृतिक चेतना का भी उल्लेख होता है। उन्होंने भाषा, संस्कृति और साहित्य के महत्व को समझाया और लोगों को अपनी आधारभूत भाषा हिंदी के प्रति उत्साहित किया।Item type | Current location | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Research Reports | NASSDOC Library | Post Doctoral Research Fellowship Reports | RS.0946 (Browse shelf) | Not For Loan | 52498 |
Include bibliographical references.
प्रस्तुत शोध के अनुसार, समकालीन लोक संस्कृति का विकास और कबीर की कविताओं का महत्व धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना के संदर्भ में होता है। कबीर के समय से लेकर आज तक, उनकी कविताएं भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
कबीर की कविताओं में धार्मिक चेतना एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने धर्म के अंतर्गत भेदभाव को खत्म करने की चेतना को बढ़ावा दिया और उन्होंने लोगों को ईश्वर के प्रति समझौते करने के लिए प्रेरित किया।
कबीर की कविताओं में सामाजिक संदेश भी होता है। उन्होंने सामाजिक असमानता, वर्णव्यवस्था, जातिवाद और स्त्री विरोधीता जैसे मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने लोगों को संघर्ष करने और अपना अधिकार हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
कबीर की कविताओं में संस्कृतिक चेतना का भी उल्लेख होता है। उन्होंने भाषा, संस्कृति और साहित्य के महत्व को समझाया और लोगों को अपनी आधारभूत भाषा हिंदी के प्रति उत्साहित किया।
Indian Council of Social Science Research.
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