कैसे भूले आपातकाल का दंश: (Record no. 38891)

000 -LEADER
fixed length control field 04143 a2200181 4500
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
ISBN 9789352664610
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 954.0536
Item number KAS-
245 ## - TITLE STATEMENT
Title कैसे भूले आपातकाल का दंश:
246 ## - VARYING FORM OF TITLE
Title proper/short title Kaise Bhoolen Aapatkal Ka Dansh
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Name of publisher प्रभात प्रकाशन
Year of publication 2023
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 326P.
Other physical details संदर्भ, चित्रण, ग्राफिक
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc 1971 के भारत-पाक युद्ध एवं बांग्लादेश के नाम से नए राष्ट्र के निर्माण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री 'श्रीमती इंदिरा गांधी की छवि को एक नया शिखर प्रदान किया था। एक ऐसा शिखर, जहाँ पहुँचकर, संतुलन बनाए रखना आसान नहीं होता। ये वे दिन थे, जब सरकारी तंत्र एवं सत्ता तंत्र भ्रष्टाचार के मामले में निरंकुश हो चुका था। सामान्य जनों का धैर्य जवाब देने लगा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री उन दिनों भ्रष्टाचार की संरक्षक समझी जा रही थीं। वह अपने संगठन में फैले भीतरी असंतोष को भी कुचल रही थीं और प्रतिपक्षी आवाजों की भी घोर उपेक्षा कर रही थीं। इसके विरुद्ध संघर्ष में सर्वोदय समाज व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कुछ पुराने निष्ठावान एवं गांधीवादी कांग्रेसियों और समाजवादियों की भूमिका विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण रही। अपने समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं के बल पर संघ ने देश भर में भूमिगत आंदोलन, जन-जागरण एवं अहिंसक सत्याग्रह की जो इबारत दर्ज की, वह ऐतिहासिक थी। उस समय की सरकार के खिलाफ समाज में गंभीर वैचारिक आक्रोश जाग्रत् करने और बाद में चुनाव की सारी व्यवस्था सँभालने में भी संघ के स्वयंसेवकों ने प्रमुख भूमिका निभाई। इस सारे घटनाक्रम में कई ऐसे गुमनाम कार्यकर्ताओं को अपने जीवन तक गँवाने पड़े। उनके अमूल्य बलिदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। यह शुभ्र ज्योत्स्ना उन सब हुतात्माओं को विनम्र श्रद्धासुमन अर्पित करती है। आपातकाल के काले दिनों का सिलसिलेवार देखा-भोगा जीवंत सच है यह पुस्तक|
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term Emergency management
Form subdivision History
General subdivision Civil rights
Geographic subdivision India
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term आपातकालीन प्रबंधन
Form subdivision इतिहास
General subdivision नागरिक आधिकार
Geographic subdivision भारत
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name शिखा,चंद्र, चंद्रा, गर्ग, अशोक, आहूजा, शुभाष
Relator term Trikha, Chandra,Ashok Garg, Shubhash Auja
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Collection code Permanent Location Current Location Date acquired Source of acquisition Cost, normal purchase price Full call number Accession Number Copy number Cost, replacement price Price effective from Koha item type
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