पद्मावत : (Record no. 38379)

000 -LEADER
fixed length control field 04710nam a2200205 4500
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
ISBN 9789393768490
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title hin-
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 891.473
Item number AGA-P
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name अग्रवाल, पुरुषोत्तम
Relator term लेखक
-- author
245 ## - TITLE STATEMENT
Title पद्मावत :
Sub Title मानुस पेम भएउ बैकुंठि /
Statement of responsibility, etc पुरुषोत्तम अग्रवाल
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication दिल्ली :
Name of publisher राजकमल प्रकाशन,
Year of publication 2022.
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 214p.
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE
Bibliography, etc Includes bibliographical references and index.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc एक थी रानी पद्मिनी जिसे लोक-मन की कल्पनाओं ने गढ़ा और इतिहास में स्थापित कर दिया। राजपूताना के सम्मान और शान के रूप में लोग उसकी कथा कहते- सुनते रहे एक थी 'पद्मावत' जिसे मलिक मुहम्मद जायसी ने अवधी में लिखा, और जिसमें उन्होंने स्त्री, प्रकृति और प्रेम के सौन्दर्य की एक अमर छवि गढ़ी छात्र उसके अंशों को पाठ्यक्रम में पढ़ते और कोर्स में लगी हर सामग्री की तरह रट-रट कर भूल जाते ।<br/><br/>फिर एक फ़िल्म बनी, जिससे पता चला कि लोग न पद्मिनी को जानते हैं, न 'पद्मावत' को; कि वे एक मिथक को सच की तरह पढ़ रहे हैं और जो चीज़ वास्तव में पढ़ने योग्य है, उसे पढ़ ही नहीं रहे।<br/><br/>इसलिए यह किताब नवोन्मेषकारी विचार और सृजनात्मक आलोचकीय मेधा के धनी प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल अपनी इस किताब में 'पद्मावत' को भारत के आरम्भिक आधुनिक काल की रचना कहते हैं जिसके केन्द्र में एक स्त्री है, एक ऐसा काव्य जिसमें चरित्रों का मूल्यांकन उनके व्यक्तिगत कार्यों और गुणों के अनुसार होता है, उनकी धार्मिक, जातिगत या सामाजिक पहचान से नहीं। यह एक प्रेम कविता है। श्रेष्ठ कविता जो स्त्रीत्व का जश्न मनाती है और श्रृंगार रस जिसका महत्त्वपूर्ण अंग है। 'पद्मावत' और उसकी इस मीमांसा से हम जान पाते हैं कि जायसी की संवेदना में इस्लामी परम्परा के ज्ञान और सूफी आस्था के साथ-साथ हिन्दू पुराण कथाओं, मान्यताओं और अवध के लोकजीवन की गहरी जानकारी और लगाव एक साथ अनुस्यूत है।<br/><br/>पुरुषोत्तम जी खुद इस किताब को 'जायसी की कविता के नशे में बरसों से डूबे एक पाठक द्वारा अपनी एक प्रिय रचना का पाठ कहते हैं जो स्पष्ट है, सिर्फ़ आलोचना नहीं है, भारत की अपनी, उपनिवेश-पूर्व, आधुनिकता की सौन्दर्य चेतना और काव्यबोध से सम्पन्न एक क्लासिक कृति का रचनात्मक अवगाहन है।
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term पद्मावती, चित्तौड़ की रानी
General subdivision कविता.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term राजपूत
General subdivision कविता.
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name मालवीय, परितोष
Relator term अनुवाद
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Permanent Location Current Location Date acquired Source of acquisition Cost, normal purchase price Full call number Accession Number Cost, replacement price Price effective from Koha item type
        NASSDOC Library NASSDOC Library 2023-03-17 Overseas 0.00 891.473 AGA-P 53445 0.00 2023-06-06 Books