डॉo भीमराव अम्बेडकर की सामाजिक न्याय की अवधारणा में आरक्षण की भूमिका (पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ मण्डल का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन) / (Record no. 37092)

000 -LEADER
fixed length control field 05052nam a2200193Ia 4500
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title Hindi
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number RK.0334
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name कुमार, देवेन्द्र
Affiliation चौo चरण सिंह विश्वविद्यालय
Place मेरठ
245 #0 - TITLE STATEMENT
Title डॉo भीमराव अम्बेडकर की सामाजिक न्याय की अवधारणा में आरक्षण की भूमिका (पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ मण्डल का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन) /
Statement of responsibility, etc देवेन्द्र कुमार
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication New Delhi :
Name of publisher/Sponsor ICSSR,
Year of publication 2016
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 155p. ;
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE
Bibliography, etc Include bibliographical references.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc प्रस्तुत शोध में एक अनुसूची के माध्यम से पश्चिमी उ0प्र0 के मेरठ मण्डल के चार जनपदों मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, बुलन्दशहर से 542 उत्तरदाताओं से डॉ0 अम्बेडकर, सामाजिक न्याय एवं आरक्षण का एक सामाजिक विज्ञान अध्ययन करने का प्रयास किया गया है। आरक्षण का उद्देश्य, सुविधाहीन तथा शोषित वर्ग को विशेष रियायतें देने का अधिकार है “न कि दान व परोपकार के मामले।” आरक्षण के द्वारा दुर्बल एवं शोषित व्यक्तियों को सशक्त व्यक्तियों से बचाकर कुछ पदों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। सामाजिक न्याय भारतीय संविधान का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए डॉ0 अम्बेडकर ने भारतीय संविधान में ऐसे प्रावधान करवाये। समाज में व्याप्त सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक विषमताओं को दूर किया जाना चाहिए जिसके द्वारा सक््माजिक पर आधारित समाज का निर्माण किया जा सके तथा समाज में व्याप्त असमानता को समाप्त करके समानता स्थापित की जा सके इसलिए कुछ पदों को आरक्षित करके उन्हें समाज के निम्न एवं शोषित वर्ग को प्रदान किया जाये ताकि वे अपनी उन्‍नति कर सके | परिणामस्वरूप समाज में व्याप्त असमानता को समाप्त करक॑ एक समानता स्थापित हो सके। डॉ0० अम्बेडकर के सामने संविधान निर्माण करते समय प्रमुख समस्या थी कि समाज में व्याप्त असमानता को किस प्रकार दूर किया जा सके ताकि समाज में समरसता स्थापित हो सके। इस असमानता को दूर करने के लिए संविधान में आरक्षण को माध्यम बनाया, जिसके द्वारा सामाजिक न्याय की प्राप्ति भी हो सके तथा समाज के दुर्बल, शोषित तथा पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। इन सभी समस्याओं का उत्तर खोजने के लिए शोध की आवश्यकता थी। मनुष्य अपनी वर्ण, जाति, नस्ल, रंग व लिंग की विभिन्‍नता के बावजूद भी समान है।
536 ## - FUNDING INFORMATION NOTE
Funding Agency Indian Council of Social Science Research.
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term सामाजिक न्याय
-- आरक्षण
Form subdivision राजनीति विज्ञान
Geographic subdivision मेरठ
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term सामाजिक न्याय
General subdivision राजनीति विज्ञान
Geographic subdivision उत्तर प्रदेश
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Research Reports
Source of classification or shelving scheme
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Collection code Permanent Location Current Location Date acquired Source of acquisition Full call number Accession Number Koha item type
      Not For Loan Post Doctoral Research Fellowship Reports NASSDOC Library NASSDOC Library 2022-10-11 Gifted by: Research Fellowship Division RK.0334 52468 Research Reports