भारतीय समाज और हिंदी उपन्यास (Record no. 25317)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 03872nam a22001817a 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9789382658740 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.43 |
Item number | PAN-B |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | पाण्डेय, अरुण कुमार |
Fuller form of name | Pandey, Arun Kumar |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | भारतीय समाज और हिंदी उपन्यास |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE | |
Title proper/short title | Bhartiya samaj aur hindi upanyas |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | दिल्ली |
Name of publisher | दिव्यम प्रकाशन |
Year of publication | 2017 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | xi, 105p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | भारतीय समाज और सहंिी उपन्यास शीसभक पुस्तक समकालीन सहंिी उपन्यासो के माध्यम से भारतीय समाज का एक व्रतर तचत्र प्रस्तुत करती है । एक तरफ एक पुस्तक १८५७ केबढ़ तनर्मभत आधुतनक भारत के तवकास के तबच मुसलमानो की सामातजक, आर्थभक और शैितणक तस्ततथ का मूल्यांकन करते हुए िेश के भीतर उनकी तस्ततथ का सैद्ांततक तवश्लेषण करती है तो िूसरी तरफ भारत की बहुस्तरीय समस्याओ - भूख , गरीबी, बेरोजगारी, अतशिा, सम्प्रदियकता, लैंतगक भेिभाव और भूमंडलीयकरण के पटरणाम स्वरुप उपजी- दकसान आत्माहत्या जैसी भयावह सचाईयो के कारणों की पड़ताल करती है । दकसानो की आत्महत्याए भारत का एक िुखि सत्य है बतल्क भारतीय समाज के कतथत तवकास का एक प्रश्न तचन्ह है । दकसान आत्महत्या के मूल कारणों का संधान करता आलेख इस पुस्तक को अथभवान और तवश्वनीय बनाता है। साम्प्रिातयकता भारतीय समक की एक तवकि समस्या है । बिले हुए समय में साम्प्रिातयकता के उभार की वजहों और उन पर की जाने वाली राजनीती को भी यह पुस्तक पूरी गंभीरता से उतघाटित करती है । तकतनकी तवकास के युग में बचो को िी जाने वाली प्रारंतभक तशिा में मूल्यबोध और संस्कार जैसे प्रशनो को भी लेखक ने उठाया है । उन्होंने मतहला उपन्यासकारों के लेखन का तववेचन करते हुए मतहला लेखन की तवषयगत तवतवधता और व्यापक सामातजक सरोकारों को तचतनत दकआ है । कहने की अवसक्ता नहीं है । गहन सभ्यता समीिा करती अरु कुमार पांडेय की यह पुस्तक सहंिी आलोचना को समृद् करेगी |
546 ## - LANGUAGE NOTE | |
Language note | Hindi |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | indian society |
Form subdivision | weaver-india |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | indian literature |
Form subdivision | womens |
Geographic subdivision | india |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Collection code | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Bill Date | Full call number | Accession Number | Price effective from | Koha item type | Public note |
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हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2019-03-25 | OP | 25/03/2019 | 891.43 PAN-B | 50111 | 2019-03-25 | Books | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह |