तोमर, श्याम सिंह
पंचायती राज संस्थाओ में महिलाओं की सहभागिता (पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की ग्राम पंचायतों के विशेष सन्दर्भ में) / Panchāyatī rāj sansthāõ mẽ mahilāõ kī sahbhāgītā (Pūrvī uttar pradesh ke Vārāṇasī jile kī grām panchāyatō̃ ke vishesh sandarbha mẽ) श्याम सिंह तोमर - New Delhi : ICSSR, 2015 - 171p. ;
Include bibliographical references.
प्रस्तुत अध्ययन प्राथमिक एवं द्वितीयक सम्यकों पर आधारित है। प्राथमिक सम्यकों का आकलन व्यक्तिगत साक्षात्कार विधि द्वारा प्रश्नावली के आधार पर किया गया है। प्रश्नावली का निर्धारण विभिन्न चरों की सहायता से किया गया जैसे जाति, धर्म, शैक्षणिक योग्यता, सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक प्रस्थिति तथा पारिवारिक पृष्ठभूमि। पंचायती राज संस्थाओं के क्रियाकलापों में भागीदारी, ग्रामीण विकास व समाज कल्याण के कार्यों को सम्पन्न करने में महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका, मतदाताओं का महिला ग्राम प्रधानों के प्रति दृष्टिकोण, सरकारी अधिकारियों से महिला ग्राम प्रधानों के सम्बन्ध आदि से सम्बन्धित तथ्यों का संकलन साक्षात्कार व प्रश्नावली में माध्यम के से किया गया है। 73वें संविधान संशोधन का प्रभाव तथा महिला सशक्तीकरण की स्थिति का आंकलन किया गया। प्राथमिक स्त्रोत के अलावा द्वितीयक स्त्रोत का आंकड़े एकत्रित करने हेतु समाचार पत्र व पत्रिकाओं तथा पुस्तकों का सहारा लिया गया। आंकड़ों के विश्लेषण हेतु सांख्ययकीय पद्धति का प्रयोग किया गया है
पंचायत राज संस्थाओं में महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका को प्रभावित करने वाले सामाजिक, आर्थिक कारक जैसे- जाति, धर्म, उम्र, शिक्षा, रहन-सहन का स्तर, व्यवसाय आदि उत्तरदायी हैं। पंचायती राज संस्थाओं में महिला ग्राम प्रधानों की भागीदारी ग्रामीण समुदाय के समाजीकरण और सक्रियता को प्रभावित करती है। पंचायती राज में गुटबंदी, जातीयता और वर्गभेद आदि पंचायती राज संस्थाओं की राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं। महिलाओं में शिक्षा की कमी उनकी सक्रिया भूमिका के निर्वाह में बाधक है। भारतीय समाज में प्रचलित पर्दाप्रथा भी महिलाओं की सक्रिया भूमिका को प्रभावित करती है। महिलाओं में राजनीतिक जागरूकता व राजनीतिक प्रशिक्षण की कमी उनकी भूमिका में बाधक है।
शोध प्रारूप प्रस्तुत शोध कार्य को अस्थायी रूप से निम्नलिखित अध्यायों में विभक्त किया गया है-
महिला सदस्यों व महिला ग्राम प्रधानों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनीतिक पृष्ठभूमि । पंचायतों की गतिविधियों में महिला सदस्यों व महिला ग्राम प्रधानों की भागीदारी। ग्रामीण विकास में महिला सदस्यों व महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका महिला नेतृत्व का पंचायतीराज संस्थाओं पर प्रभा यह शोध कार्य अत्यन्त समाजोपयोगी सिद्ध होगा। पंचायतीराज में महिलाओं के अध्ययन के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण योगदान होगा प्रस्तुत शोध कार्य से पंचायतराज संस्थाओं की गतिविधि तथा उसमें महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका ज्ञात होगी तथा 73वें संविधान संशोधन के फलस्वरूप पंचायतों में महिलाओं के आरक्षण से महिला सशक्तीकरण व महिलाओं की पंचायतीराज में सक्रियता ज्ञात होगी। सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक दृष्टि से यह शोध कार्य अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा।
Hindi
पंचायत, Panchayat--Political Science--Uttar Pradesh, India--Women Politics
RT.0132
पंचायती राज संस्थाओ में महिलाओं की सहभागिता (पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की ग्राम पंचायतों के विशेष सन्दर्भ में) / Panchāyatī rāj sansthāõ mẽ mahilāõ kī sahbhāgītā (Pūrvī uttar pradesh ke Vārāṇasī jile kī grām panchāyatō̃ ke vishesh sandarbha mẽ) श्याम सिंह तोमर - New Delhi : ICSSR, 2015 - 171p. ;
Include bibliographical references.
प्रस्तुत अध्ययन प्राथमिक एवं द्वितीयक सम्यकों पर आधारित है। प्राथमिक सम्यकों का आकलन व्यक्तिगत साक्षात्कार विधि द्वारा प्रश्नावली के आधार पर किया गया है। प्रश्नावली का निर्धारण विभिन्न चरों की सहायता से किया गया जैसे जाति, धर्म, शैक्षणिक योग्यता, सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक प्रस्थिति तथा पारिवारिक पृष्ठभूमि। पंचायती राज संस्थाओं के क्रियाकलापों में भागीदारी, ग्रामीण विकास व समाज कल्याण के कार्यों को सम्पन्न करने में महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका, मतदाताओं का महिला ग्राम प्रधानों के प्रति दृष्टिकोण, सरकारी अधिकारियों से महिला ग्राम प्रधानों के सम्बन्ध आदि से सम्बन्धित तथ्यों का संकलन साक्षात्कार व प्रश्नावली में माध्यम के से किया गया है। 73वें संविधान संशोधन का प्रभाव तथा महिला सशक्तीकरण की स्थिति का आंकलन किया गया। प्राथमिक स्त्रोत के अलावा द्वितीयक स्त्रोत का आंकड़े एकत्रित करने हेतु समाचार पत्र व पत्रिकाओं तथा पुस्तकों का सहारा लिया गया। आंकड़ों के विश्लेषण हेतु सांख्ययकीय पद्धति का प्रयोग किया गया है
पंचायत राज संस्थाओं में महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका को प्रभावित करने वाले सामाजिक, आर्थिक कारक जैसे- जाति, धर्म, उम्र, शिक्षा, रहन-सहन का स्तर, व्यवसाय आदि उत्तरदायी हैं। पंचायती राज संस्थाओं में महिला ग्राम प्रधानों की भागीदारी ग्रामीण समुदाय के समाजीकरण और सक्रियता को प्रभावित करती है। पंचायती राज में गुटबंदी, जातीयता और वर्गभेद आदि पंचायती राज संस्थाओं की राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं। महिलाओं में शिक्षा की कमी उनकी सक्रिया भूमिका के निर्वाह में बाधक है। भारतीय समाज में प्रचलित पर्दाप्रथा भी महिलाओं की सक्रिया भूमिका को प्रभावित करती है। महिलाओं में राजनीतिक जागरूकता व राजनीतिक प्रशिक्षण की कमी उनकी भूमिका में बाधक है।
शोध प्रारूप प्रस्तुत शोध कार्य को अस्थायी रूप से निम्नलिखित अध्यायों में विभक्त किया गया है-
महिला सदस्यों व महिला ग्राम प्रधानों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनीतिक पृष्ठभूमि । पंचायतों की गतिविधियों में महिला सदस्यों व महिला ग्राम प्रधानों की भागीदारी। ग्रामीण विकास में महिला सदस्यों व महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका महिला नेतृत्व का पंचायतीराज संस्थाओं पर प्रभा यह शोध कार्य अत्यन्त समाजोपयोगी सिद्ध होगा। पंचायतीराज में महिलाओं के अध्ययन के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण योगदान होगा प्रस्तुत शोध कार्य से पंचायतराज संस्थाओं की गतिविधि तथा उसमें महिला ग्राम प्रधानों की भूमिका ज्ञात होगी तथा 73वें संविधान संशोधन के फलस्वरूप पंचायतों में महिलाओं के आरक्षण से महिला सशक्तीकरण व महिलाओं की पंचायतीराज में सक्रियता ज्ञात होगी। सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक दृष्टि से यह शोध कार्य अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा।
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पंचायत, Panchayat--Political Science--Uttar Pradesh, India--Women Politics
RT.0132